भाकृअनुप-वि-प.कृ.अनु.सं. में भारतीय प्रशासनिक सेवा प्रशिक्षु अधिकारियों के लिए पर्वतीय कृषि पर एक दिवसीय भ्रमण और प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

भाकृअनुप-विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान] हवालबाग में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) प्रशिक्षु अधिकारियों के लिए पर्वतीय कृषि पर एक दिवसीय प्रदर्शन भ्रमण सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन 20 जून 2024 को किया गया। इस कार्यक्रम में डॉ- रघुनंदन सिंह टोलिया उत्तराखंड प्रशासन अकादमी, नैनीताल से सुश्री गौरी प्रभात और सुश्री दीक्षिता जोशी ने भाग लिया।कार्यक्रम समन्वयक डॉ- जय प्रकाश आदित्य ने सभी वरिष्ठ अधिकारियों और प्रतिभागियों का  स्वागत किया। भाकृअनुप-वि.प.कृ.अनु.सं. के निदेशक डॉ. लक्ष्मी कांत ने उद्घाटन भाषण में संस्थान की विभिन्न गतिविधियों और अल्मोड़ा में संस्थान की ऐतिहासिक स्थापना पर प्रकाश डाला। डॉ लक्ष्मी कांत द्वारा पर्वतीय कृषि के वर्तमान परिदृश्य चुनौतियाँ तथा संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। साथ ही प्रशिक्षु अपने जिलों में जाकर किस तरह से किसानों की उन्नति के लिए प्रोजेक्ट तैयार कर सकते हैं] इस विषय पर भी चर्चा की गई । फसल सुधार प्रभाग के प्रभागाध्यक्ष डॉ- निर्मल कुमार हेडाऊ ने ‘‘पर्वतीय फसलों की उत्पादकता और गुणवत्ता में वृद्धि के लिए फसल सुधार प्रौद्योगिकियाँ” पर प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने संस्थान द्वारा विशेष रूप से पर्वतीय किसानों के लिए विकसित कई उन्नत फसल किस्मों की जानकारी दी, जिससे उत्पादकता और गुणवत्ता को बढ़ावा मिलने की संभावना है।

फसल उत्पादन प्रभाग के प्रभागाध्यक्ष के प्रमुख डॉ- बृज मोहन पांडे ने किसानों के लिए उपलब्ध विभिन्न फसल उत्पादन प्रौद्योगिकियों और कटाई उपरांत फसल प्रौद्योगिकियों पर चर्चा की। उन्होंने उत्तर-पश्चिमी हिमालयी राज्यों के सीमावर्ती क्षेत्रों में चल रहे जनजातीय उप योजना के बारे में भी प्रशिक्षुओं को जानकारी दी। फसल सुरक्षा प्रभाग के प्राभागाध्यक्ष डॉ- कृष्ण कान्त मिश्रा ने ‘‘पर्वतीय कृषि के लिए फसल सुरक्षा प्रौद्योगिकियाँ” पर प्रस्तुतिकरण दिया, जिसमें कीट और बीमारियों से पर्वतीय फसलों की रक्षा के लिए विकसित रणनीतियों और नवाचारों पर ध्यान केंद्रित किया गया।इसके अतिरिक्त, डॉ- राजेश खुल्बे, प्रधान वैज्ञानिक ने पूर्वोत्तर हिमालयी राज्यों में संस्थान के कार्यों पर प्रकाश डाला, तथा  क्षेत्रीय कृषि चुनौतियों और उनके समाधान के बारे में जानकारी दी।आईएएस प्रशिक्षु सुश्री गौरी प्रभात और सुश्री दीक्षिता जोशी ने विभिन्न इकाइयों, जैसे मधुमक्खी पालन] मशरूम उत्पादन, कृषि मशीनरी इकाई, मिलेट प्रसंस्करण इकाई और जल प्रबंधन क्षेत्र का उत्साहपूर्वक भ्रमण किया। इन व्यावहारिक प्रदर्शनों में उनकी रुचि ने उन्नत कृषि तकनीकों को समझने में ‘करके सीखो’ की महत्ता को उजागर किया।

कार्यक्रम का समापन डॉ- जय प्रकाश आदित्य द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। यह प्रदर्शन भ्रमण और प्रशिक्षण कार्यक्रम भविष्य के प्रशासनिक अधिकारियों के बीच कृषि ज्ञान और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देने की भाकृअनुप-वि.प.कृ.अनु.सं. की प्रतिबद्धता का उदाहरण है।